दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, होली से पहले ही विदिशा में नगर पालिका का कालिदास बंद सूखने लगा है। इसमें करीब 10 दिन की सप्लाई के लिए पानी का रिजर्व स्टॉक है। पानी की कमी को देखते हुए नगर पालिका की जल कार्य शाखा के प्रभारी इंजीनियर रामप्रकाश जायसवाल ने सम्राट अशोक सागर परियोजना द्वारा संचालित हलाली डैम के अफसरों को पत्र भेज कर कालिदास बांध में होली के बाद 20 एमसीएफटी पानी छोड़ने को कहा है।
4 माह में तीसरी बार हलाली बांध से खरीदा पानी
नगर पालिका को पिछले 4 महीने में तीसरी बार हलाली डैम से पानी खरीद कर मांगना पड़ रहा है। 35 किलोमीटर दूर से इतना पानी एक बार मिलने पर ₹6 लख रुपए देने पड़ते हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है। कि आने वाले अप्रैल, मई और जून में नगर पालिका को अभी कम से कम तीन बार और पानी खरीदना पड़ेगा। इसका प्रमुख कारण है गर्मी शुरू होते ही शहर में पानी की डिमांड सर्दी के सीजन की तुलना में 10 फीसदी तक बढ़ गई है। विदिशा और रायसेन नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल सप्लाई हलाली बांध से आने वाले पानी पर ही निर्भर है। जल संसाधन विभाग ने विदिशा के 6.50 और रायसेन के लिए 5 एमसीएम पानी रिजर्व रखा हुआ है।
विदिशा में रोजाना दो करोड़ 20 लाख लीटर पानी की सप्लाई
विदिशा नगर पालिका क्षेत्र में करीब 2 लाख की आबादी है और रोज शहर में 22 एमएलडी भी यानी 2 करोड़ 20 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है। गर्मी के सीजन को देखते हुए उसमें अब 10 फीसदी पानी की डिमांड बढ़ गई है। इस कारण नगर पालिका का कालिदास बंद जल्दी खाली हो रहा है। इस बांध की क्षमता केवल 20 एमसीएफटी है। इतने पानी से सिर्फ शहर में ₹45 दिन ही पानी सप्लाई हो पता है।
हलाली: पहली बार मार्च में 1489 फीट के लेवल पर
सम्राट अशोक सागर परियोजना के अंतर्गत संचालित हलाली डैम के प्रभारी इंजीनियर बीके बहुलिया ने बताया 21 मार्च को हलाली डैम में पानी का स्टार 1489 फीट तक पहुंच गया था। जबकि पिछले साल ही मार्च में इस अवधि में यहां का वाटर लेवल 1491 फिट था। हलाली में अधिकतम जल भराव की क्षमता 1508 तक है 1473 फीट के बाद डेड स्टोरी शुरू हो जाता है।
संजय सागर बांध 100 फीसदी सुखा बहाव पूरी तरह बंद
संजय सागर बांध परियोजना की प्रभारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रियंका भंडारी ने बताया 21 मार्च की स्थिति में शमशाबाद का संजय सागर बांध सूख गया। 8 फीट के लेवल में से एक फिट पानी बचा है। गर्मी में सिंचाई और पेयजल के लिए एक बूंद भी पानी नहीं मिल सकेगा। इसी तरह सगड़ बांध भी ज्यादातर सूख चुका है। इसलिए गर्मी में पीएचई और जल निगम को पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा।