बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मौत मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जेल में बंद मुख्तार की मौत दिल का दौरा पड़ने होने की बात सामने आई है। बांदा व चित्रकूट जेल में भी मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक होने के वक्त मुस्लिम बंदियों ने मगफिरत की अल्लाह से दुआ की। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी लंबे समय तक रहा।
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मौत मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जेल में बंद मुख्तार की मौत दिल का दौरा पड़ने होने की बात सामने आई है। वहीं, परिवार के लोग जहर देने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस प्रकार का मामला नहीं दिख रहा।
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मुख्तार अंसारी की मौत की जांच के लिए बांदा जेल पहुंची न्यायिक जांच अधिकारी
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में न्यायिक जांच शुरू हो गई है। जांच अधिकारी एसीजेएम गरिमा सिंह ने शनिवार को बांदा जेल पहुंचकर बयान दर्ज किए। न्यायिक जांच अधिकारी गरिमा सिंह ने करीब डेढ़ घंटे तक जेल में पड़ताल की। इस दौरान डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल,एसपी अंकुर अग्रवाल समेत कई अन्य अधिकारी भी जेल पहुंचे। उधर मुख्तार की पीएम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत होने की बात सामने आई है। डॉक्टरों के पैनल ने शॉक और मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन (कार्डिएक अरेस्ट) से मौत होने की बात कही है।
जांच अधिकारी ने जेल अधीक्षक,डिप्टी जेलरों, जेल कर्मियों से गुरुवार को हुए पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। उन्होने जेल के अंदर मुख्तार की तन्हाई बैरक का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मुख्तार की बैरक के आसपास ड्यूटी मे तैनात रहे बंदी रक्षकों,उसको खाना सुलभ कराने वाले कर्मियों और उससे मिलने-जुलने वाले बंदियों से भी जानकारियां एकत्र कीं।
जब भी डॉक्टर देखने जाते, करता था एक ही शिकायत
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। परिजन इसे स्वाभाविक मौत नहीं मान कर हत्या के आरोप रहे हैं। वहीं सूत्रों से पता चला है कि मुख्तार को पेट की तकलीफ तो थी। उन्होंने बताया कि इस बात की पुष्टि इस बात से भी होती है कि जब भी कोई डॉक्टर उसे देखने जेल जाता था तो वह अपने दोनों हाथ पेट पर रखकर कहता था, इसका कुछ करो डॉक्टर साहब, यह पेट तो लगता है कि जान ही लेकर छोड़ेगा।