हेलो फ्रेंड्स, आज की पोस्ट में हम विदिशा के बहुत पुराने कोलेज एस. एस. एल. जैन कॉलेज विदिशा के बारे में जानेंगे। एस. एस. एल. जैन कॉलेज, विदिशा, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना जैन समाज के सहयोग से की गई है। इस कॉलेज का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है।
SSL Jain कॉलेज की स्थापना और इतिहास
एस. एस. एल. जैन कॉलेज की स्थापना सेठ सिताबर राय लक्ष्मीचंद जैन ने 1964 में की गई थी। यह कॉलेज विदिशा के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य जैन समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदायों के छात्रों को भी उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना था।
माधव उद्यान विदिशा | Madhav Udyan Vidisha
मेरी यादें
मुझे आज भी याद है जब मैं इस कॉलेज में बीएससी प्रथमवर्ष में एडमिशन लिया था । वर्ष 2004 की बात है, उस समय इस कॉलेज की अलग ही बात थी । स्टूडेंट की काफी भीड़ लगी रहती थी, यह काफी प्रसिद्ध कॉलेज हुआ करता था। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि पूरे विदिशा के आसपास जितने भी गांव हैं । वहां के सभी लोगों जैन कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की होगी जिनकी आयु आज 30 से 45 के बीच में होगी और जिन्होंने अपना ग्रेजुएशन बीए, बकॉम या बीएससी की होगी । उसे समय रैगिंग पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई थी, तो जब कॉलेज जाते थे तो सीनियर से डर लगता था कि कहीं कोई रैगिंग न करने लगे।
कॉलेज की शुरुआत में क्लास रोज लगा करते थे । लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते, स्टूडेंट कॉलेज आना बंद कर देते थे ।और प्रोफेसर भी अपनी रुचि नहीं लेते थे। उनको क्लास लेने के लिए उनको यहां वहां ढूंढना पड़ता । कोई किसी लैब में बैठा होता था, तो कोई किसी और ऑफिस में इस तरह से हमको ढूंढ ढूंढ कर क्लास के लिए बुलाना पढ़ता था।
फिर 1 महीने के बाद केवल लैब अटेंड करने के लिए ही छात्र कॉलेज आते थे। बस उसी में हम लोगों की मुलाकात होती थी। लैब खत्म होने के बाद कॉलेज में सन्नाटा हो जाता था।
और फिर वक्त आता था परीक्षा फॉर्म भरने का, फिर से छात्रों की भीड लगने लगती थी और यह सिलसिला 1 महीने तक चलता था और उसके बाद फिर एग्जाम हॉल में सीधे जाना होता था। जो भी हो लेकिन उसे समय जैन कॉलेज अच्छे समय पर चल रहा था उसकी प्रयोगशालाओं में जो भी उपकरण हुआ करते थे वे बहुत ही पुराने हुआ करते थे।
अगर आप भी जैन कॉलेज में पढ़े होंगेतो आपको भी यह सारी बातें याद आ रही होंगी। अगर आपके पास ही ऐसे ही कुछ विचार है। तो आप हमें कमेंट के माध्यम से या कॉन्टेक्ट्स फॉर्म के माध्यम से भेज सकते हैं। हम आपके विचार इस पोस्ट में शामिल करेंगे।
अभी हाल हीमें जैन कॉलेज गया, जहां पर बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। मैंने सोचा चलो आज कॉलेज चलते हैं। तो देखा कि वहां पर, जहां पहले छात्रावास हुआ करता था। वहां पर नई बिल्डिंग बन गई है। और आगे जंहा प्रिंसिपल सर का रूम होता था उसके सामने ग्राउंड में देर सारा कचरा पड़ा हुआ है। पेड़ों के पत्तों के देर पूरे ग्राउंड में फैले हुए हैं। लकिन आगे बढ़ने पर देखा की लॉ कॉलेज की एक नई बिल्डिंग बन गई है तो ख़ुशी हुई की कुछ नया काम हो गया है तो यंहा पर तो छात्र आते होंगे।पूरे ग्राउंड में नाली बन रही थी। इसकी कुछ तस्वीरें आप नीचे देख सकते हैं।
पाठ्यक्रम और शिक्षा
एस. एस. एल. जैन कॉलेज में विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इनमें विज्ञान, वाणिज्य, कला और प्रबंधन के क्षेत्र शामिल हैं। कॉलेज में आधुनिक शिक्षण पद्धतियों का उपयोग किया जाता है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
संकाय
कॉलेज में अनुभवी और योग्य शिक्षकों का एक समूह है, जो विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता रखते हैं। वे छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम संबंधी ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए भी तैयार करते हैं।
सुविधाएं
एस. एस. एल. जैन कॉलेज में छात्रों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध हैं:
- पुस्तकालय: कॉलेज का पुस्तकालय बहुत बड़ा है और इसमें विभिन्न विषयों की पुस्तकों का एक विशाल संग्रह है।
- प्रयोगशालाएं: विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध हैं।
- खेलकूद: छात्रों के शारीरिक विकास के लिए खेलकूद की सुविधाएं भी हैं।
- सांस्कृतिक गतिविधियां: कॉलेज में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होता रहता है, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है।
छात्र संगठन और गतिविधियां
कॉलेज में विभिन्न छात्र संगठन और क्लब भी हैं, जो छात्रों को अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने के अवसर प्रदान करते हैं। इनमें डिबेट क्लब, संगीत और नृत्य क्लब, एन. एस. एस. और एन. सी. सी. जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
परिणाम और उपलब्धियां
एस. एस. एल. जैन कॉलेज के छात्रों ने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। कॉलेज के पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और उन्होंने कॉलेज का नाम रोशन किया है।